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क्यो धनतेरस पर जलाया जाता है दीपक
4 November, 2018
क्यो धनतेरस पर जलाया जाता है दीपक
धनतेरस पूजन विधि
( घर में धन धान्य वृद्धि और सुख शांति के लिए )
दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि- भगवान महामृत्युंजय शिव और लक्ष्मी की पूजा की जाती है, साथ में धन को कमाने और उसके सदुपयोग की सद्बुद्धि के लिए गायत्री और गणेश के मन्त्रों से पूजा की जाती है।
1- गुरु आवाहन मंत्र - *ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुरेव महेश्वरः ।
गुरुरेव परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।*
2 - गणेश आवाहन मन्त्र - *ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि
। तन्नो दंती प्रचोदयात ।।*
3- लक्ष्मी आवाहन मंत्र - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै
धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।*
४ -दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को
प्रज्वल्लित करें )-
*ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा । सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः
स्वाहा । अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा । सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च:
स्वाहा । ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा ।।*
5 - चौबीस(२४) बार गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।*
6- तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें - *ॐ त्रयम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।*
7 - तीन बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ महा लक्ष्म्यै
विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॥*
8 - तीन बार गणेश मंत्र का जप करें - *ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय
धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥*
9 - तीन बार कुबेर का मंत्र जप करें - *ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय
प्रचोदयात्॥*
10- तीन बार आरोग्य देवता धन्वन्तरि गायत्री मन्त्र का जप करें- *ॐ तत्
पुरुषाय विद्महे, अमृत कलश हस्ताय धीमहि, तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात्*
11 - शान्तिपाठ - *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।*
दीपक नकारात्मकता का शमन कर सकारात्मक
दैवीय शक्तियों को घर में प्रवेश देता है। इसलिए दीपक की जगह विद्युत् से जलने
वाली led या किसी भी प्रकार की लाईट नहीं ले सकती। घर के मुख्य् द्वार पर दो
घी या सरसों या तिल के तेल के रुई बाती वाले दीपक, एक तुलसी के पास, एक रसोईं में और एक
बड़ा मुख्य् दीपक सूर्यास्त के बाद जलाकर रख दें। फिर कलश स्थापना कर पूजन करें।
दीपयज्ञ/दीपदान के बाद घर की तिज़ोरी/लेपटॉप/बैंक की पासबुक इत्यादि का पूजन अवश्य
करें।
धनतेरस की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06:37 से लेकर 08:31 के बीच तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और आयु
बढ़ती है।
घर में बना हलवा या खीर प्रसाद में
चढ़ाएं। यदि बजट है तो चांदी या स्वर्ण का कुछ भी सामान ख़रीद ले शाम 6:30 से पहले, उसे दूध में नहला
के पूजन स्थल में साफ़ स्टील की कटोरी में लाल वस्त्र के ऊपर रख लें। उसका तिलक
चन्दन कर पूजन के पश्चात् तिज़ोरी में रख दें, दीपावली के दिन पुनः उसका पूजन होगा।
क्यो धनतेरस पर जलाया जाता है दीपक
धनतेरस के दिन हर कोई मां लक्ष्मी और भगवान
कुबेर की पूजा करता है. मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन ही क्षीर सागर से माता लक्ष्मी
और कुबरे देवता प्रकट हुए थे. इसी वजह से धनतेरस के दिन इनकी पूजा बेहद शुभ मानी
जाती है. लेकिन क्या आपको यह मालूम है कि धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की
भी पूजा की जाती है? जी हां, धनतरेस के दिन शाम को पूजा के बाद घर
के बाहर एक बड़ा दीपक जलाकर रखा जाता है, उस दीपक का नाता यम देवता है. यहां
जानिए क्यों?
धनतेरस के दिन क्यों जलाया जाता है
दीपक?
एक पौराणिक कथा के अनुसार हेम नाम का एक राजा था, जिसे वर्षों बाद
बहुत मुश्किलों से एक पुत्र की प्राप्ति हुई. राजा ने जब उस बालक की कुंडली
बनवाई तब उसे ज्योतिष ने बताया कि इसकी कुंडली में मृत्य योग है. शादी के दसवें दिन
इसकी मौत हो जाएगी. यह सुनकर राजा हेम ने अपने पुत्र की शादी ना करने का निश्चय
किया. उसने अपने पुत्र को ऐसे स्थान पर भेज दिया जहां कोई स्त्री नही थी. लेकिन
उसके भाग्य में कुछ और ही था. राजा के लाख प्रयासों के बाद भी उसके पुत्र को उस
स्थान पर घने जंगलों में एक सुंदर स्त्री मिली और दोनों को आपस में प्रेम हो गया.
दोनों ने गंधर्व विवाह कर लिया.
भविष्यवाणी के
अनुसार शादी के दसवें दिन यमदूत उसके प्राण लेने आया. यमदूत को देख उसकी पत्नी
बहुत रोई. यमदूत जब प्राण लेकर यमराज के पास पहुंचा तो बेहद दुखी था. यमराज ने दूत
से दुख का कारण पूछा तो उसने कहा कि कर्तव्य के आगे कुछ नहीं होगा. इस बात पर
यमदूत ने यमराज से पूछा कि क्या इस अकाल मृत्यु को रोकने का कोई उपाय है? तब यम ने कहा कि
अगर कोई भी मनुष्य कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी (13वें दिन) शाम के
समय अपने घर के द्वार पर दक्षिण दिशा में दीपक जलाएगा तो उसके जीवन से अकाल मृत्यु
का योग टल जाएगा. बस उसी दिन से धनतेरस की शाम यम की पूजा होने लगी. क्योंकि हर
साल धनतेरस भी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तेरस यानी 13वें दिन ही आती है.
Contact:- Dr. Yagyadutt Sharma
9873850800,8800850853